यह सवाल (डोमेन नाम क्या है?) अक्सर ब्लॉग्गिंग फील्ड में नए आने वाले ब्लोग्गर्स के मन में जरूर रहता है। कोई भी नई वेबसाइट बनाने से पहले आपको डोमेन नाम के बारे में जरूर जान लेना चाहिए। तो चलिए इस लेख के द्वारा हम जानने की कोशिश करते हैं कि डोमेन नाम क्या होता है और कैसे काम करता है ?
डोमेन नाम क्या होता है?
डोमेन नाम एक वेबसाइट का नाम होता है जिसके द्वारा उस वेबसाइट को इंटरनेट पर आसानी से पहचाना या ढूँढा जा सकता है।जैसे किसी व्यक्ति की पहचान उसका नाम होता है ठीक वैसे ही एक वेबसाइट की पहचान उसका डोमेन नाम होता है।
लोग किसी भी वेबसाइट को खोजने के लिए उस वेबसाइट के डोमेन नाम को (search bar) में टाइप करते हैं।
डोमेन नाम का आविष्कार क्यों किया गया?
शुरुआती दिनों में किसी भी वेबसाइट का डोमेन नाम ना होकर उसका एक IP Address होता था।
यह IP Address एक नंबर की सीरीज होती है जैसे कि 117.237.212.195।
IP Address को सरल भाषा में समझें तो IP Address एक वेब सर्वर का पता होता है।
एक IP Address ही बताता है कि इंटरनेट पर कोई भी वेबसाइट किस वेब सर्वर पर मौजूद है।
डोमेन नाम के इन्वेंशन के बाद हर एक वेबसाइट के डोमेन नाम को background में उसके IP Address के साथ जोड़ दिया गया।
अब आपको एक वेबसाइट को विजिट करने के लिए उसके लम्बे IP Address को याद रखने या फिर सर्च बार में डालने की जरुरत नहीं पड़ती।
बल्कि एक आसानी से याद रहने वाले डोमेन नाम को सर्च बार में डालने की जरुरत होती है।
यह IP Address एक नंबर की सीरीज होती है जैसे कि 117.237.212.195।
IP Address को सरल भाषा में समझें तो IP Address एक वेब सर्वर का पता होता है।
एक IP Address ही बताता है कि इंटरनेट पर कोई भी वेबसाइट किस वेब सर्वर पर मौजूद है।
अब एक ऐसे IP Address को याद रखना लोगों के लिए काफी मुश्किल था।
इसी को सरल बनाने के लिए डोमेन नाम का इन्वेंशन किया गया।
इसी को सरल बनाने के लिए डोमेन नाम का इन्वेंशन किया गया।
डोमेन नाम के इन्वेंशन के बाद हर एक वेबसाइट के डोमेन नाम को background में उसके IP Address के साथ जोड़ दिया गया।
अब आपको एक वेबसाइट को विजिट करने के लिए उसके लम्बे IP Address को याद रखने या फिर सर्च बार में डालने की जरुरत नहीं पड़ती।
बल्कि एक आसानी से याद रहने वाले डोमेन नाम को सर्च बार में डालने की जरुरत होती है।
डोमेन नाम कैसे काम करता है?
जैसा कि मैंने ऊपर बताया ही है कि किसी भी वेबसाइट के डोमेन नाम को background में उसके IP Address के साथ जोड़ दिया जाता है।जब कभी आप कोई भी वेबसाइट के डोमेन नाम को अपने ब्राउज़र के एड्रेस बार में टाइप करते हैं।
आपका ब्राउज़र सबसे पहले DNS (Domain Name System) को एक रिक्वेस्ट भेजता है।
DNS आपके ब्राउज़र की रिक्वेस्ट के आधार पर उस डोमेन नाम को IP Address में translate कर देता है।
आपका ब्राउज़र उस ट्रांसलेट किए गए IP Address की मदद से उस डोमेन नाम के वेब सर्वर (जहाँ उस वेबसाइट की फाइल्स को स्टोर करके रखा जाता है ) के साथ कनेक्शन जोड़ता है और उसे एक 'Get' रिक्वेस्ट भेज देता है।
'Get' रिक्वेस्ट मिलने के बाद वेब सर्वर उस वेबसाइट की एक कॉपी आपके ब्राउज़र को वापस भेज देता है।
आपका ब्राउज़र उस भेजी गई वेबसाइट की कॉपी को receive करता है और परिणाम स्वरुप आपके ब्राउज़र में डाले गए डोमेन नाम की वेबसाइट खुल जाती है।
डोमेन नाम की आवश्यकता क्यों होती है ?
मान लीजिए कि आपको एक वेबसाइट बनानी है।
आप वेबसाइट तो बना लेंगें लेकिन उस वेबसाइट को इंटरनेट पर ढूंढ़ने के लिए आपको उस वेबसाइट का नाम users को बताना पड़ेगा।
डोमेन नाम इसी काम में आपकी मदद करता है।
डोमेन नाम आपकी वेबसाइट को एक नाम प्रदान करता है जिससे लोग उसे आसानी से इंटरनेट पर खोज सकें।
डोमेन नाम के बिना कोई भी यूजर आपकी वेबसाइट को इंटरनेट पर ढूंढ नहीं पाएगा।
वहीं अगर आप किसी फ्री डोमेन नाम का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी वेबसाइट पेशेवर नहीं दिखेगी और लोगों का उसपर विश्वास पैदा नहीं होगा।
आप वेबसाइट तो बना लेंगें लेकिन उस वेबसाइट को इंटरनेट पर ढूंढ़ने के लिए आपको उस वेबसाइट का नाम users को बताना पड़ेगा।
डोमेन नाम इसी काम में आपकी मदद करता है।
डोमेन नाम आपकी वेबसाइट को एक नाम प्रदान करता है जिससे लोग उसे आसानी से इंटरनेट पर खोज सकें।
डोमेन नाम के बिना कोई भी यूजर आपकी वेबसाइट को इंटरनेट पर ढूंढ नहीं पाएगा।
नाम प्रदान करने के साथ-साथ डोमेन नाम आपकी वेबसाइट को और भी बहुत सारे लाभ पहुंचाता है :-
आपकी वेबसाइट की पेशेवर विश्वसनीयता को बढ़ाता है :-
अपना खुद का डोमेन नाम होना आपकी वेबसाइट को पेशेवर दिखने में मदद करता है।
वहीं अगर आप किसी फ्री डोमेन नाम का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी वेबसाइट पेशेवर नहीं दिखेगी और लोगों का उसपर विश्वास पैदा नहीं होगा।
आपके ब्रांड की visibility को बढ़ाता है :-
अगर आप अपना कोई भी बिसनेस अपनी वेबसाइट के माध्यम से चला रहे हैं तो डोमेन नाम आपके बिसनेस के ब्रांड की visibility को बढ़ाने में मदद करता है।अगर आपका ब्रांड का नाम आपके डोमेन नाम से मैच करता है तो लोगों को उसे याद रखने में काफी आसानी होगी और इससे उनके आपकी वेबसाइट पर दोबारा आने के संयोग बढ़ जाते हैं।
आपकी इंटरनेट उपस्थिति को गतिशील बनाता है :-
आप चाहें जहाँ कहीं भी शिफ्ट हो जाएँ, चाहे वह आपका देश हो या फिर विदेश, चाहे कोई भी होस्टिंग प्रदाता की सेवा को चुने या बदलें।आपके वेबसाइट का डोमेन नाम वही रहता है और बदलता नहीं है।
आप जिस किसी भी जगह से और जब चाहे अपनी वेबसाइट पर आसानी से काम कर सकते हैं।
वहीं अगर आप एक फ्री डोमेन नाम का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो आपका नहीं है तो आपको अपनी वेबसाइट का बहुत कुछ खोने का डर हमेशा बना रहता है।
जैसे कि आपकी वेबसाइट का नाम , जमी-जमाई विश्वसनीयता या फिर हो सकता है पूरी वेबसाइट।
डोमेन नाम आपको आगे की सोच वाला व्यक्ति भी बनाता है :-
आपकी वेबसाइट का खुद का डोमेन नाम होना आपको एक समझदार व्यक्ति के तौर पर भी प्रदर्शित करता है।ऐसा व्यक्ति जिसे डिजिटल revolution की पूरी जानकारी है।
लोगों को लगता है कि यह व्यक्ति आज के इस डिजिटल revolution के साथ कदम से कदम मिला कर चल रहा है।
डोमेन नाम के कुछ examples क्या है?
डोमेन नाम के बहुत सारे examples हो सकते हैं जैसे कि :-1. youtube.com
2. facebook.com
3. google.com
4. instagram.com
5. twitter.com
6. wikipedia.org
7. paypal.com
8. amazon.com
डोमेन नाम के कितने प्रकार होते हैं?
वास्तव में डोमेन नाम तीन प्रकार के होते हैं :-1) Top Level Domain (TLD)
यह डोमेन नाम इंटरनेट के DNS अनुक्रम में सबसे ऊपर आते हैं।यह कोई भी डोमेन नाम के दाहिने हिस्से को संदर्भित करते हैं।
जैसे कि google.com एक डोमेन नाम है और दाहिने हिस्से का भाग .com एक टॉप Top Level Domain (TLD) है।
Top Level Domain ज्यादा तर कमर्शियल websites के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।
इनकी पहुँच पूरी दुनिया में होती है।
इन्हें 'Url Extension' के तौर पर भी संदर्भित किया जाता है।
Top Level Domain के उदहारण :-
- .com (commercial का शॉर्टकट )
- .org (organization का शॉर्टकट)
- .net (network का शॉर्टकट)
- .gov (government का शॉर्टकट)
- .edu (education का शॉर्टकट)
- .name (name का शॉर्टकट)
- .biz (business का शॉर्टकट)
- .info (information का शॉर्टकट)
Top Level Domain (TLD) को भी दो प्रकार की श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है :-
a) Country Code Top Level Domains
जैसा कि नाम से पता चलता है, ये तकनीकी रूप से विभिन्न देशों के लिए ही assign किये जाते हैं।
ये किसी भी देश के Two Letter ISO CODE के आधार पे नामित होते हैं।
प्रत्येक देश का अपना ccTLD होता है।
लेकिन आपको अपने देश का ही ccTLD इस्तेमाल करना है इसपर कोई पाबंदी नहीं होती है।
लेकिन आपको अपने देश का ही ccTLD इस्तेमाल करना है इसपर कोई पाबंदी नहीं होती है।
आप अपनी इच्छा अनुसार कोई भी डोमेन नाम का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Country Code Top Level Domain आपको तभी ज्यादा फायदा पहुँचा सकते हैं जब आप किसी एक विशेष देश के लोगों को केंद्रित करना चाहते हैं।
जैसे कि अगर आप सिर्फ जापान देश के विषय या लोगों के बारे में लिखते हैं तो आप '.jp' ccTLD का इस्तेमाल कर सकते हैं।
Country Code Top Level Domains के उदहारण :-
- .us: (United States)
- .in: (India)
- .ch: (Switzerland)
- .cn: (China)
- .ru: (Russia)
- .br: (Brazil)
b) Generic Top-Level Domains
जैसा कि नाम से पता चलता है, 'Generic' का मतलब होता है साधारण या फिर सामान्य।
अब आप सभी यही सोच रहे होंगें कि यह सामान्य तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले डोमेन होंगें।
लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
बल्कि इसका इस्तेमाल काफी सम्मानित और बड़ी वेबसाइटों द्वारा किया जाता है।
जैसे कि :-
बड़ी बड़ी एजुकेशनल वेबसाइट .edu डोमेन का इस्तेमाल करती हैं।
विकिपीडिया जैसी साइट .org डोमेन का इस्तेमाल करती है।
सैन्य संगठन वाली वेबसाइट .mil डोमेन का इस्तेमाल करती हैं।
आप भी जिस किसी भी Generic Top-Level Domain को चुन सकते हैं और इसका इस्तेमाल कर सकते हैं सिवाय कुछ के ।
जैसे :- .mil aur .edu
इन डोमेन नाम का इस्तेमाल करने के लिए आपको कुछ शर्तों को पूरा करना पड़ता है।
Generic Top-Level Domains के उदहारण :-
- .com
- .edu
- .gov
- .int
- .mil
- .net
- .org
2) Second-Level Domains
यह डोमेन नाम इंटरनेट के DNS अनुक्रम में Top Level Domain के नीचे आते हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं होता कि Second-Level Domain कम अधिकारिक या मूल्यवान नहीं होते हैं।
बल्कि यह एक डोमेन नाम के दूसरे जरुरी हिस्से का वर्णन करते हैं।
जैसे कि google.com में (google) Second-Level Domain है।
Second-Level Domain एक डोमेन नाम का सबसे आसानी से याद रहने वाला हिस्सा होता है और साथ ही साथ एक ऐसा हिस्सा जिसपर आप अपनी पूरी वेबसाइट या फिर अपने ब्रांड नाम को स्थापित करते हैं।
3) Third Level Domains
यह डोमेन नाम इंटरनेट के DNS अनुक्रम में Second Level Domain के नीचे आते हैं।
यह डोमेन नाम अपने आप में एक पूरा डोमेन नाम नहीं होते बल्कि उसका एक छोटा सा हिस्सा होते हैं।
जैसे कि www.google.com में www एक Third Level Domain है।
Subdomain नाम क्या होता है?
Subdomain आपके main domain का ही एक अंश होता है।
आप Subdomain को अपनी वेबसाइट का एक अलग हिस्सा भी मान सकते हैं जो कि आपके main domain के नीचे ही काम करता है।
Subdomain को खरीदना नहीं पड़ता है।
आपको सिर्फ अपना main domain नाम खरीदना होता है और बाद में आप उस main domain को जितना मर्जी चाहे उतने Subdomains में डिवाइड कर सकते हैं।
जैसे कि उदहारण के तौर पर :-
मान लीजिए कि आपने एक (yourwebsite.com) के नाम से main domain खरीदा।
और आप अपने main domain का Subdomain बनाना चाहते हैं।
तो आप अपने main domain का एक Subdomain (shop.yourwebsite.com) के नाम से बना सकते हैं।
और इस Subdomain में 'shop' आपका Subdomain होगा, 'yourwebsite' एक Second-Level Domain और .com एक Top Level Domain होगा।
मान लीजिए कि आपने एक (yourwebsite.com) के नाम से main domain खरीदा।
और आप अपने main domain का Subdomain बनाना चाहते हैं।
तो आप अपने main domain का एक Subdomain (shop.yourwebsite.com) के नाम से बना सकते हैं।
और इस Subdomain में 'shop' आपका Subdomain होगा, 'yourwebsite' एक Second-Level Domain और .com एक Top Level Domain होगा।
ऐसे ही आप जितने मर्जी चाहे उतने Subdomain बना सकते हैं।
डोमेन नाम, यूआरएल, वेबसाइट, और वेब होस्टिंग में क्या अंतर होता है?
डोमेन नाम :-
जैसे कि मैंने ऊपर बताया ही है कि डोमेन नाम एक वेबसाइट का नाम होता है जिसके द्वारा उस वेबसाइट को इंटरनेट पर आसानी से पहचाना या ढूँढा जा सकता है।यूआरएल :-
यूआरएल एक विशेष वेब पेज को खोजने का वेब एड्रेस होता है।हर एक यूआरएल में एक डोमेन नाम के साथ-साथ दूसरी जरूरी जानकारियाँ भी होती हैं जिससे एक वेब पेज को खोजने में मदद मिलती है।
यूआरएल के उदहारण :-
https://en.wikipedia.org/wiki/umami
https://www.youtube.com/feed/trending
वेबसाइट :-
वेबसाइट इंटरनेट पर वेब पेज, फाइल, डेटा और छवियों का एक संग्रह होती है जो आपको अपने ब्राउज़र पर कोई भी डोमेन नाम डालने के बाद स्क्रीन पर दिखाई देती है।सरल भाषा में समझने की कोशिश की जाए तो :-
अगर एक वेबसाइट को एक शॉपिंग स्टोर माना जाए। तो डोमेन नाम उस शॉपिंग स्टोर का नाम होगा, यूआरएल उस शॉपिंग स्टोर का एड्रेस होगा जबकि वेबसाइट उस शॉपिंग स्टोर का असली हिस्सा जैसे कि सामान, रैक, शेल्फ़ें ,फर्नीचर और कॅश काउंटर होगी।
वेब होस्टिंग:-
वेब होस्टिंग एक इंटरनेट सेवा होती है।यह एक वेबसाइट को इंटरनेट पर होस्ट करने में सहायता करती है।
किसी भी वेबसाइट के सारी जरुरी सामग्री जैसे कि पिक्चर, फाइल, टेक्स्ट और वेब पेज को स्टोर करने के लिए वेब सर्वर्स में जगह की जरुरत पड़ती है।
वेब होस्टिंग इसी जगह को प्रदान करने में सहायता करती है।
और उस जगह के लिए आपको उस वेब होस्टिंग का किराया नियमित रूप से देना पड़ता है।
एक ईमेल पता का डोमेन नाम क्या होता है?
एक ईमेल पता के अक्सर चार भाग होते हैं :-१) username
२) @ symbol
३) ईमेल डोमेन
४) root डोमेन
एक ईमेल पता का डोमेन नाम अकसर @ के बाद आने वाले दाहिने हिस्से को संदर्भित करता है।
जैसे कि johnsmith@gmail.com में johnsmith एक ईमेल डोमेन (second level domain) है जबकि .com एक रुट डोमेन( Top Level Domain) है।
डोमेन नाम का चुनाव कैसे करें?
डोमेन नाम का चुनाव करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए :-- कोई भी डोमेन नाम लेने से पहले उसकी हिस्ट्री जरूर चेक कर लें।
- हमेशा .com TLD लेने की ही कोशिश करें।
- अपने डोमेन नाम में टार्गेटेड कीवर्ड का इस्तेमाल करें।
- अपने डोमेन नाम को छोटा रखें।
- अपने डोमेन नाम को अपने niche या फिर बिसनेस नाम के आधार पर ही रखें।
- अपने डोमेन नाम को बोलने और लिखने के लिए हमेशा आसान रखें।
- अपने डोमेन नाम को हमेशा यूनिक और branded रखें।
- अपने डोमेन नाम में स्पेशल characters जैसे कि hyphen और नंबर्स का इस्तेमाल ना करें।
- अपने डोमेन नाम में डबल लेटर्स का इस्तेमाल ना करें।
- अपना डोमेन नाम चुनने से पहले अच्छी तरह से रिसर्च कर लें।
- डोमेन नाम जनरेटर का इस्तेमाल करें ताकि अच्छे डोमेन नाम के आईडिया मिल सकें।
- अपना डोमेन नाम जल्दी चुनें इससे पहले कि कोई और उसे बुक कर ले।
डोमेन नाम कैसे खरीदें?
डोमेन नाम खरीदने के लिए आपको उसे डोमेन रजिस्ट्रार से खरीदना पड़ेगा।
- Bigrock
- HostGator
- GoDaddy
- Bluehost
- Namecheap
- Domain.com
- DreamHost
- Shopify
- Domains.Google
- Name.com
- 1&1 (iONOS)
- Register.com
- InMotion Hosting
एक बार अच्छा रजिस्ट्रार तय करने के बाद आप उस डोमेन रजिस्ट्रार के वेबसाइट पर जा कर उनके सर्च पैनल में अपने डोमेन नाम को डाल कर उसकी उपलब्ध्ता को चेक कर सकते हैं।
आप कोई भी डोमेन नाम नहीं खरीद सकते हैं बल्कि वही डोमेन नाम खरीद सकते हैं जो उपलब्ध हों।
एक बार उपलब्ध्ता चेक करने के बाद आप उनके on-screen इंस्ट्रक्शंस को फॉलो करके अपना डोमेन नाम पेमेंट करने के बाद बुक कर सकते हैं।
डोमेन नाम को सर्वर या फिर होस्टिंग से कैसे जोड़ें ?
वैसे तो डोमेन नाम को किसी भी होस्टिंग प्रदाता के साथ जोड़ने के तरीके लगभग समान ही होते हैं।
फिर भी अगर हम मान लें कि आपने एक डोमेन नाम GoDaddy से खरीदा है और उसे GoDaddy के सर्वर या फिर होस्टिंग से जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए:-
सबसे पहले अपने GoDaddy के अकाउंट में लॉगिन करें।
लॉगिन करने के बाद management page पर जाएँ और अपने खरीदे हुए डोमेन नाम को सेलेक्ट करें।
डोमेन को सेलेक्ट करने के बाद उस डोमेन नाम के 'Manage DNS' पेज पर जाएँ।
'Manage DNS' पेज पर आने के बाद 'name servers' पर जाएँ।
'name servers' के बाजू में आप कुछ ऐसा "using default name servers" लिखा हुआ पाएंगें।
इसे चेंज करने के लिए 'change button' पर क्लिक करें और उसे 'custom' मोड में सेट कर दें।
उसके बाद उसमें अपने होस्टिंग प्रदाता द्वारा उपलब्ध कराए गए 'name servers' को डालें और सेव कर दें।
आपका डोमेन नाम GoDaddy के होस्टिंग के साथ जुड़ जाएगा।
निष्कर्ष :-
उम्मीद करते हैं कि आपको इस लेख के द्वारा डोमेन नाम क्या है? जरूर समझ में आ गया होगा। अगर आपको लगे कि इस लेख में कुछ सुधार या फिर करेक्शन की जरूरत है तो हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताएं। और अगर आपको यह लेख पसंद आए तो इसे अपने दोस्तों के साथ और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर शेयर करना बिल्कुल भी ना भूलें।
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