क्या आप अपनी वेबसाइट या फिर पोस्ट को सर्च इंजिन्स पर रैंक करवाना चाहते हैं ?
क्या आप अपनी वेबसाइट या पोस्ट के ट्रैफिक को बढ़ाना चाहते हैं ?
अगर आपका इन सभी प्रश्नों के जवाब हाँ में है तो फिर आपको on -page SEO के बारे में जरूर जानना चाहिए।
आज इस ब्लॉग के माध्यम से हम सीखेंगें :-
१. On page Seo Kya होता है ?
२. On page Seo करना क्यों जरुरी होता है?
३. On-Page SEO करने के लिए जरुरी requirements क्या होती है?
३. On page Seo कैसे किया जाता है?
क्या आप अपनी वेबसाइट या पोस्ट के ट्रैफिक को बढ़ाना चाहते हैं ?
अगर आपका इन सभी प्रश्नों के जवाब हाँ में है तो फिर आपको on -page SEO के बारे में जरूर जानना चाहिए।
आज इस ब्लॉग के माध्यम से हम सीखेंगें :-
१. On page Seo Kya होता है ?
२. On page Seo करना क्यों जरुरी होता है?
३. On-Page SEO करने के लिए जरुरी requirements क्या होती है?
३. On page Seo कैसे किया जाता है?
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On-Page SEO क्या होता है?
किसी भी वेब पेज को सर्च इंजन और users के लिए optimize करना ही On-Page SEO कहलाता है।
वेब पेज को optimize करने का मतलब होता है कि उस वेब पेज में सही टाइटल, कॉन्टेंट, कीवर्ड्, हैडिंग, images, यूआरएल और meta description डालना।
इससे वो particular वेब पेज search engines पर रैंक करने लगेगा और उसपर अधिक से अधिक ट्रैफिक यानी कि visitors आने लगेंगे।
On-Page SEO द्वारा आप एक वेब पेज को search इंजन friendly बना सकते हैं।
On-Page SEO search engines को यह भी बताता है कि आपका वेब पेज किस टॉपिक पर है और उसे किन-किन कीवर्ड्स पर रैंक करवाना है?
वेब पेज को optimize करने का मतलब होता है कि उस वेब पेज में सही टाइटल, कॉन्टेंट, कीवर्ड्, हैडिंग, images, यूआरएल और meta description डालना।
इससे वो particular वेब पेज search engines पर रैंक करने लगेगा और उसपर अधिक से अधिक ट्रैफिक यानी कि visitors आने लगेंगे।
On-Page SEO द्वारा आप एक वेब पेज को search इंजन friendly बना सकते हैं।
On-Page SEO search engines को यह भी बताता है कि आपका वेब पेज किस टॉपिक पर है और उसे किन-किन कीवर्ड्स पर रैंक करवाना है?
On-Page SEO करना क्यों जरुरी होता है?
क्योंकि गूगल की खुद की रिपोर्ट "How search works" यही कहती है कि आज भी गूगल की algorithm एक वेबपेज की योग्यता (relevancy) उस वेब पेज में इस्तेमाल किए गए कीवर्ड्स और machine learning से ही पता लगाती है।
आप गूगल पर कोई भी competitive कीवर्ड सर्च कीजिए और आप यह देखेंगे कि सर्च रिजल्ट में दिखाई गई सारी websites में वह competitive कीवर्ड टाइटल, यूआरएल, और मेटा डिस्क्रिप्शन में देखने को मिल जाएगा।
हालांकि गूगल अब काफी स्मार्ट हो गया है और सिर्फ एक पोस्ट में कीवर्ड stuffing कर देने से वो आर्टिकल रिलेवेंट नहीं बन जाएगा।
गूगल की algorithm एक वेब पेज को रैंक करने के लिए २०० से भी ज्यादा factors को देखती है।
हालांकि गूगल अब काफी स्मार्ट हो गया है और सिर्फ एक पोस्ट में कीवर्ड stuffing कर देने से वो आर्टिकल रिलेवेंट नहीं बन जाएगा।
गूगल की algorithm एक वेब पेज को रैंक करने के लिए २०० से भी ज्यादा factors को देखती है।
आपकी वेबसाइट की हर एक पोस्ट के लिए आपको On-Page SEO करना जरुरी होता है।
यह गूगल या फिर किसी भी सर्च इंजन को यह बताता है कि आपकी पोस्ट किस टॉपिक पर है और कौन-कौन से कीवर्ड्स पर आपकी पोस्ट को रैंक करवाना है।
दोस्तों On-Page SEO बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
इसमें बहुत ही कम समय लगता है और यह हर पोस्ट के लिए सिर्फ एक बार ही करना पड़ता है।
लेकिन अगर आपने सही तरीके से अपनी पोस्ट का On-Page SEO कर लिया तो फिर इस बात के chances बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं कि आपकी वेबसाइट Off-Page SEO किए बिना या फिर backlinks बनाए बिना ही सर्च इंजन पर रैंक करने लगेगी।
यह गूगल या फिर किसी भी सर्च इंजन को यह बताता है कि आपकी पोस्ट किस टॉपिक पर है और कौन-कौन से कीवर्ड्स पर आपकी पोस्ट को रैंक करवाना है।
दोस्तों On-Page SEO बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण होता है।
इसमें बहुत ही कम समय लगता है और यह हर पोस्ट के लिए सिर्फ एक बार ही करना पड़ता है।
लेकिन अगर आपने सही तरीके से अपनी पोस्ट का On-Page SEO कर लिया तो फिर इस बात के chances बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं कि आपकी वेबसाइट Off-Page SEO किए बिना या फिर backlinks बनाए बिना ही सर्च इंजन पर रैंक करने लगेगी।
इसीलिए अगर आप अपनी वेबसाइट को search engines के results में रैंक करवाना चाहते हैं तो आपको on-page SEO को अच्छे से समझना और implement करना पड़ेगा।
On-Page SEO करने के लिए जरुरी requirements क्या होती है ?
On-Page SEO करने के लिए आपको दो चीजों की जरुरत होती है :-१) कॉन्टेंट (images के साथ )।
२) कीवर्ड्स (जिसपर आप अपनी पोस्ट को target करना चाहते हैं)।
तो चलिए समझते हैं एक-एक point को:-
१) कॉन्टेंट (images के साथ ):-
आपका कॉन्टेंट unique और अच्छी क्वॉलिटी का होना चाहिए।
unique मतलब कि कॉपी किया हुआ कॉन्टेंट नहीं होना चाहिए।
इसे चेक करने के लिए आप free plagiarism checker tool जैसे कि smallseotool या फिर premium tool copyscape का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आपका कॉन्टेंट copied है तो गूगल या फिर कोई भी सर्च इंजन आपकी पोस्ट को रैंक नहीं करेगा।
अच्छी क्वालिटी कॉन्टेंट का मतलब यह होता है कि ऐसा कॉन्टेंट जो आपके visitors को संतुष्ट कर सके।
एक example के तौर पर मान लीजिए कि आपने एक पोस्ट लिखी है (How to invest in share market?) ।
तो इसका मतलब यह होना चाहिए कि जब लोग सर्च इंजन पर (How to invest in share market?) कीवर्ड को सर्च करें।
और आपकी पोस्ट पर आएं तो उनको अच्छे तरीके से यह समझ में आना चाहिए कि शेयर मार्केट में इन्वेस्ट कैसे किया जाता है।
उनके अंदर यह विश्वास पैदा होना चाहिए कि जिस किसी ने भी यह पोस्ट लिखी है उसे शेयर मार्केट का अच्छा खासा knowledge है।
जैसे कि आप मेरा यह On-Page SEO ka ब्लॉग पढ़ रहे हैं तो आप मुझपर विश्वास कर सकते हैं कि On-Page SEO के बारे में मैं जो भी बातें बताऊँगा वह सही मायने में असरदार होंगी।
तो आपका कॉन्टेंट visitors को संतुष्ट करना चाहिए और आपके कॉन्टेंट की आदर्श लम्बाई १५००-१८०० शब्दों की होनी चाहिए।
आपको अपने पोस्ट में images भी लगनी या फिर खुद से बनानी पड़ेंगी जो कि आप Pixabay, Canva ,Pexels जैसी वेबसाइट के माध्यम से पूरा कर सकते हैं।
सिर्फ थोड़ी सी कोशिश करके आप canva या फिर photoshop से अच्छी images बना सकते हैं।
२) कीवर्ड्स (जिसपर आप अपनी पोस्ट को target करना चाहते हैं):-
दूसरी main चीज है कीवर्ड्स।आपको कौन से कीवर्ड्स पर अपनी पोस्ट को रैंक करवाना है उसकी लिस्ट आपके पास होनी बहुत ही जरुरी है।
यह आप कीवर्ड रिसर्च करके पता लगा सकते हैं।
कीवर्ड रिसर्च बहुत ही जरूरी होता है।
अगर आपने कोई जरुरी कीवर्ड miss कर दिया तो आप लाखों रुपए miss कर सकते हैं जो कि आप कमा सकते थे।
जैसे कि ऊपर दिए गए स्टॉक मार्केट की पोस्ट के example को लें तो उसका main/targeted कीवर्ड है (How to invest in share market?)
इसका monthly सर्च volume 22,200 है।
लेकिन अगर आपने कीवर्ड रिसर्च सही से नहीं किया और आपने एक दूसरा जरुरी कीवर्ड (How to invest in stock market?)
जिसका मतलब (How to invest in share market?) के समान है और monthly सर्च volume 5400 है को miss कर दिया तो आपको लाखों रुपए का नुकसान हो सकता है।
कीवर्ड रिसर्च के लिए काफी सारे टूल्स उपलब्ध है जैसे कि :-
- Google Keyword Planner (free)
- Uber Suggest (free)
- Semrush (paid )
- Ahrefs (paid )
इन सब में सबसे ज्यादा नामी और यूज़ किया जाने वाला टूल ahrefs hai लेकिन यह फ्री नहीं है।
अब आपको इन टूल्स की मदद से primary कीवर्ड (main keyword जिसपर आपको अपनी पोस्ट लिखनी है ) के साथ-साथ 8-10 secondary कीवर्ड (समान अर्थ वाले कीवर्ड )खोजने पड़ेंगें।
जैसे कि :-
अब आपको इन टूल्स की मदद से primary कीवर्ड (main keyword जिसपर आपको अपनी पोस्ट लिखनी है ) के साथ-साथ 8-10 secondary कीवर्ड (समान अर्थ वाले कीवर्ड )खोजने पड़ेंगें।
जैसे कि :-
1 How to invest in share market? (Primary Keyword )
2 How to invest in stock market? (Secondary Keyword )
3 How to invest in shares? (Secondary Keyword )
4 How to invest in share market for beginners? (Secondary Keyword )
On-Page SEO कैसे करें?
तो चलिए मान लेते हैं कि आपके पास कीवर्ड्स के साथ-साथ आपकी पोस्ट के लिए content भी उपलब्ध है।
अब हम अपनी पोस्ट का on page seo नीचे दिए गए पॉइंट्स के अनुसार करेंगें।
लोगों को लगता है कि पोस्ट का on page seo करना बहुत ही कठिन होता है और इसे करने के लिए काफी टेक्निकल knowledge की जरुरत होती है।
लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता और यह बेहद आसान होता है।
लोगों को लगता है कि पोस्ट का on page seo करना बहुत ही कठिन होता है और इसे करने के लिए काफी टेक्निकल knowledge की जरुरत होती है।
लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता और यह बेहद आसान होता है।
तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
1) अपने टार्गेटेड कीवर्ड को पहले १००-१५० शब्दों में रखें :-
आप जिस भी कीवर्ड पर अपनी पोस्ट लिख रहे हैं उसे पहले १००-१५० शब्दों के अंदर जरूर डालें।
उदहारण के तौर पर आपने अपना पोस्ट (how to invest in share market?) पर लिखा है। तो आपको (how to invest in share market?) कीवर्ड को पहले १००-१५० शब्दों में जरूर डालना चाहिए।
अब आप शायद सोच रहे होंगे कि आखिर ये जरुरी क्यों है ?
क्योंकि गूगल या फिर कोई कोई भी सर्च इंजन above-fold content यानी कि जो कंटेंट crawl करते वक्त उसकी नज़र में पहले आए उसे वो जादी एहमियत देता है।
और यह समझ में भी आता है। क्योंकि जिस कीवर्ड पर आप आर्टिकल लिख रहे हैं उसे पेज के बीच में डालना कोई समझ दारी का काम नहीं है।
कीवर्ड को पहले १००-१५० शब्दों में डालने से गूगल या फिर कोई भी सर्च इंजन को यह समझने में आसानी होती है कि आपकी पोस्ट किस टॉपिक या कीवर्ड को टारगेट कर रही है।
२) अपनी पोस्ट के main टाइटल को 'H1' tag लगाएं
गूगल का कहना है कि आपकी साइट के टाइटल को 'H1' टैग लगाए बिना भी आपकी साइट गूगल पर रैंक करेगी।लेकिन टाइटल को 'H1' टैग लगाने से यह गूगल के क्रॉलर्स को पेज स्ट्रक्चर समझने में मदद करता है।
ज्यादातर प्लेटफार्म by default पेज के main टाइटल को 'H1' टैग ही देते हैं।
अगर ऐसा है तो कोई दिक्कत की बात नहीं
अन्यथा आपको 'H1' टैग manually लगाना पड़ता है।
3) अपनी पोस्ट की sub-headings को 'H2' tag लगाएं
अपनी पोस्ट की sub-headings को 'H2' tag लगाएं।इससे गूगल को आपके पोस्ट के structure को समझने में मदद मिलती है।
4) अपनी पोस्ट के main टाइटल और sub-headings में कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें।
मान लेते हैं कि हमारी पोस्ट के लिए हमारा main कीवर्ड (how to invest in share market) है ।तो हमारी पोस्ट का main टाइटल कुछ इस तरह से हो सकता है :-
A complete guide on how to invest in share market.
इसी तरह से आपको कीवर्ड्स का इस्तेमाल अपनी पोस्ट की किसी एक या फिर एक से अधिक sub-headings (H2) में भी करना है।
जैसे :-
A complete guide on how to invest in share market:- (main heading )
How can we earn money by investing in share market:- (sub-heading)
Best ways to invest in share market:- (sub-heading)
5) अपने पूरे पोस्ट में main कीवर्ड की density 0.5 % तक ही रखें ।
अब आप यही सोच रहे होंगें कि आखिर यह कीवर्ड density होती क्या है ?तो इसका मतलब यह होता है कि आप अपने main कीवर्ड को अपने पूरे पोस्ट में कितनी बार इस्तेमाल करते हैं।
मान लीजिए कि आपकी पोस्ट 1000 शब्दों की है।
तो 1000 का 0.5 % = 5 होता है।
यानी कि आपके पूरे पोस्ट में main कीवर्ड का इस्तेमाल 5 बार तक जरूर होना चाहिए और ध्यान रहे कि 5 बार से अधिक ना करने की कोशिश करें ।
ऐसे ही आप अपनी पोस्ट की लम्बाई के अनुसार अपने main कीवर्ड की density निकाल सकते हैं।
यह कीवर्ड डेंसिटी क्यों जरुरी होती है ?
मान लीजिये आपने एक कीवर्ड 'SEO' पर अपना पोस्ट लिखा और उस पोस्ट में main कीवर्ड 'SEO' का इस्तेमाल सिर्फ एक बार ही किया।
तो आप ही सोचो क्या गूगल को यह समझ में आएगा कि आपकी पोस्ट किस टॉपिक पर है।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि आप अपनी पूरी पोस्ट को main कीवर्ड से ही भर दें।
ऐसा करने पर आपको गूगल की पेनल्टी का भी सामना करना पड़ सकता है।
अपने main कीवर्ड के साथ-साथ आप synonyms का भी इस्तेमाल करें।
synonyms आपके main कीवर्ड के समान अर्थ वाले ही शब्द होते हैं।
जैसे कि health के synonyms :- fitness, well-being, good shape हैं।
आप इन सभी कीवर्ड्स का इस्तेमाल अपनी पोस्ट में कर सकते हैं जिससे गूगल को समझ में आ जाऐ कि आपकी पोस्ट किस टॉपिक पर है।
और keyword stuffing की पेनल्टी भी ना लगे।
6) अपनी पोस्ट पर external links जरूर add करें।
external links वो links होती हैं जिन्हें आप अपनी पोस्ट में डालते हो और वो लिंक्स किसी दूसरी वेबसाइट की ओर पॉइंट करती हैं।यह लिंक्स visitors को अधिक जानकारी प्राप्त करवाने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं।
external links गूगल के नज़रिये से आपकी पोस्ट के लिए एक positive signal माना जाता है।
आप जब कभी अपनी पोस्ट लिखें तो उसमे जो जरूरी words हों उनपर external links जरूर ऐड करें।
उदाहरण के लिए:-
तो आप देख सकते हैं कि ऊपर के paragraph में (वेब सर्वर) वाले शब्द में external link को add किया गया है जो कि wikipedia की वेबसाइट की ओर पॉइंट करती है।
7) अपनी पोस्ट की यूआरएल को optimize करें।
आप शायद सोच रहे होंगें कि यूआरएल की भूमिका on-page seo में उतनी अहम नहीं होती है।लेकिन ऐसा बिल्कुल भी सही नहीं है।
यूआरएल की भूमिका गूगल की नज़र और भी बढ़ गई है।
इसीलिए गूगल सर्च रिजल्ट में अब यूआरएल टाइटल टैग के ऊपर शो होता है।
यूआरएल को optimize करने के लिए :-
- अपने यूआरएल को छोटा रखें।
- और अपने यूआरएल के slug में कीवर्ड्स का इस्तेमाल जरूर करें।
मान लीजिए कि आपने (how to invest in share market) कीवर्ड पर अपनी पोस्ट लिखी है।
तो हमारे पोस्ट की URL के slug में कीवर्ड का इस्तेमाल करने के बाद हमारे पोस्ट की URL कुछ इस तरह से दिखेगी:-
https://xyz.com/how-to-invest-in-share-market/
8) अपने पोस्ट के टाइटल को optimize करें।
अपने टाइटल को optimize करने के लिए :-a) अपने टाइटल में कीवर्ड्स का इस्तेमाल करें :-
b) अपने टाइटल में कीवर्ड्स की front लोडिंग करें:-
उदहारण के लिए :-
SEO - A Definitive Guide
SEO TOOLS - A complete list (2020)
तो आप देख सकते हैं कि SEO और SEO TOOLS कीवर्ड्स हैं जिन्हें टाइटल में सबसे आगे रखा गया है।
कीवर्ड्स को टाइटल में आगे place करने से गूगल को समझने में आसानी होती है कि आपकी पोस्ट किस कीवर्ड को टारगेट कर रही है।
लेकिन conditions और title के हिसाब से ऐसा करना हमेशा मुमकिन नहीं होता। और ऐसा हमेशा करना भी कोई समझदारी नहीं है।
लेकिन कोशिश करें कि आपका कीवर्ड टाइटल में जितना आगे की तरफ हो उतना ही अच्छा है।
c) अपने पोस्ट के टाइटल में (modifiers) का इस्तेमाल करें:-
और आप सभी को पता होगा कि short tail keywords रैंक करवाने काफी कठिन होते हैं।
बल्कि long tail keywords आसानी से और कम समय में रैंक हो जाते हैं।
उदहारण के लिए अगर आपकी पोस्ट का main कीवर्ड SEO है।
तो आप modifiers का इस्तेमाल करके उसे long tail कीवर्ड बना सकते हैं
जैसे :- Best strategies to implement for SEO
Definitive guide and checklist for SEO in 2020
d) अपने पोस्ट के titles/sub-headings को (H1 से H6) तक चिन्हित करें:-
Sub-headings को (H2)
Minor headings को (H3 से लेकर H6 तक )
9) अपने पोस्ट के meta-description को optimize करें।
Meta Description को optimize करने के लिए:-Meta Description आपकी वेबसाइट और उससे जुड़े posts की जानकारी search engine और visitors को देता है।
जैसे कि आपने एक पोस्ट लिखी है (how to invest money in share market ) और जब भी कोई उसे सर्च करेगा तो वह search engine के result में कुछ इस प्रकार से दिखेगी।
और सर्च इंजन आपके meta description में use किए गए keywords को bold letters में दिखाता है।
गूगल meta-description के पॉइंट का जिक्र अपनी Google’s Search Engine Optimization Starter Guide में भी करता है :-
10) SEO कंटेंट लिखें :-
a) Unique कंटेंट लिखें :-
ऐसा कंटेंट जो किसी पुराने कंटेंट की spinned copy ना हो।
हाँ यह आसान नहीं है।
लेकिन 100% ऐसा कंटेंट भी लिखना जो गूगल ने ना कभी देखा हो और ना सुना हो मुमकिन नहीं है।
इंटरनेट में एक कीवर्ड पर हज़ारों वेबसाइट रैंक करती हैं।
क्या उनमें लिखा गया सभी कंटेंट यूनिक होता है।
नहीं।
लेकिन रैंक करने के लिए आपको उसी कंटेंट में कुछ ऐसा कंटेंट जोड़ना होगा जो कि नया हो।
जैसे :-
कोई नई tip
कोई नया डिज़ाइन
कोई नई केस स्टडी
कोई नई स्टोरी
कोई नई strategy
ऐसा कुछ जो गूगल को लगे कि आपकी पोस्ट में नया है।
b) Valuable कंटेंट लिखें:-
आप जानते होंगे की एक दिन में लाखों ब्लॉग पोस्ट्स पब्लिश किए जाते हैं।
इन लाखों ब्लॉग पोस्ट्स में आपके पोस्ट को रैंक करने के लिए unique के साथ-साथ valuable भी होना पड़ेगा।
अपने कंटेंट को valuable बनाने के लिए:-
=> ज्यादा से ज्यादा डिटेल्स दें
अपने कंटेंट में ज्यादा से ज्यादा डिटेल्स, images aur किसी चीज़ को करने के लिए step by step procedure बताने से आपका कंटेंट दूसरों के लिए valuable बन जाता है।
=> अपने कंटेंट को हमेशा अपडेटेड रखें:-
अपने कंटेंट को हमेशा अपडेट करते rahein जिससे वो users को हमेशा updated टिप्स और strategies के माध्यम से वैल्यू देता रहे।
=> ऐसा कंटेंट ही publish करें जो किसी expert द्वारा लिखा गया हो:-
आप जानते होंगें कि किसी भी टॉपिक के बारे में लिखना जो आपने practically कभी ना किया हो काफी मुश्किल है।
अगर आपको जिस किसी टॉपिक पर अपना कंटेंट लिखना है , उसकी काफी अच्छी नॉलेज है और practical experience भी , तो आप बेझिझक अपना कंटेंट खुद लिख सकते हैं।
लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो आप अपना कंटेंट किसी expert से ही लिखवाएँ जिसको उस टॉपिक की अच्छी जानकारी हो और practical experience भी।
=> ऐसा कंटेंट लिखें जो user के search intent को satisfy करे:-
आपको ऐसा कंटेंट लिखना है जो यूजर की सर्च query intention को पूरा करता हो।
मान लीजिए आपका पोस्ट का टाइटल कीटो diet पर है।
पर आपका पूरी पोस्ट सिर्फ weight loss पर ही इनफार्मेशन दे रही है तो आपके पोस्ट को गूगल सर्च रिजल्ट query से हटा देगा या फिर लाएगा ही नहीं।
11) अपनी पोस्ट की CTR Rate बूस्ट करें :-
CTR Rate google में रैंक करने के लिए एक जरुरी फैक्टर माना जाता है।साथ ही साथ अगर आपके पोस्ट का CTR रेट high है तो उसपे ट्रैफिक भी ज्यादा आएगा।
अपने पोस्ट की CTR रेट बूस्ट करने के लिए:-
a) अपने टाइटल टैग्स को Question Based बनाएं:-
और सभी शोधों में यही पाया गया कि Question Based वाले टाइटल टैग्स का CTR दूसरों से करीब-करीब १४-१५ प्रतिशत अधिक होता है।
जैसे :-
What is On-Page Seo?
What are the benefits of doing On-Page Seo?
कंप्यूटर की परिभाषा क्या है?
b) अपने Meta-Description को आकर्षक बनाएं:-
c) अपनी पोस्ट में Schema का इस्तेमाल करें।
लेकिन फिर भी schema का इस्तेमाल करके आप अपनी पोस्ट की snippet को rich snippet में तबदील कर सकते हैं।
एक नार्मल स्निपेट में गूगल सिर्फ तीन चीज़ों को ही दिखाता है :-
a) टाइटल
b) यूआरएल
c) Meta-Description
लेकिन एक रिच snippet में गूगल उसमें और भी वैल्यू add करता है
गूगल रिच snippet के लिए डाटा आपके पोस्ट के html में structured markup से लेता है।
Rich Snippet अक्सर eye catching होते हैं और clicks की संभावना बढ़ा देते हैं।
इससे आपके post की organic CTR बूस्ट होती है।
d) अपनी पोस्ट के टाइटल में कुछ emotions ऐड करें:-
इससे आपके पोस्ट की आर्गेनिक CTR boost होती है।
हाँ लेकिन इस बात का भी ध्यान रखें कि टाइटल में बहुत अधिक emotions डालने से लोग उसे click-bait टाइटल मान लेंगे और उसपर क्लिक नहीं करेंगे।
इससे आपकी आर्गेनिक CTR decrease भी हो सकती है।
e) अपनी पोस्ट के टाइटल और meta-description में current year जरूर add करें।
आप खुद ही सोचें कि अगर आप गूगल पर (best Samsung smartphone in 2020) सर्च कर रहे हैं तो आप क्या चाहेंगें?
आप चाहेंगें कि आपको गूगल जो भी information दिखाए वह 2020 यानी कि current year की हो।
क्या आप 2017 की information देखना चाहेंगें ?
नहीं
इसीलिए आप उसी सर्च रिजल्ट पर क्लिक करेंगे जिसके टाइटल या फिर meta-description में 2020 mentioned हो।
इससे उस पोस्ट की CTR रेट increase होगी और ज्यादा clicks मिलेंगे।
12) अपनी posts के कंटेंट का 'UX signals' optimize करें
a) अपने कंटेंट को on-fold रखें:-
इसीलिए अपने कॉन्टेंट को आपको टॉप में यानी कि on-fold में रखना चाहिए।
on-fold content में images का इस्तेमाल कम करें।
b) अपने कंटेंट को 'chunk' करें
कंटेंट को chunk करने के लिए आप :-
a Images का use करें।
b Sub-headings का इस्तेमाल करें।
c Bulleted listings use करें
c) अपने पोस्ट में कॉमेंट्स सेक्शन जरूर रखें
लोग आपकी पोस्ट को पढ़ने के बाद कमेंट सेक्शन में अन्य लोगों द्वारा किए गए कमैंट्स को पढ़ सकते हैं।
इससे आपकी पोस्ट का dwell टाइम बढ़ता है और बाउंस रेट घटता है।
कमैंट्स पढ़ने के बाद लोग अपने कमैंट्स का भी योगदान कर सकते हैं जिससे आपके पोस्ट पर users की एक एक्टिव community built अप होती है।
कमेंट सेक्शन आपके users को engage रखता है जो आपके पोस्ट के UX सिग्नल को बेहतर बनाता है।
13) Main कीवर्ड्स का इस्तेमाल पहले और आखरी paragraph में जरूर करें।
उदहारण के तौर में:-मान लीजिए आपका पहला paragraph कुछ इस तरह से है:-
Everyone wants to make money and become rich quickly, and we Indians are no exception to this rule. It is this single-minded obsession that drives lakhs of peoples across the country to research How to invest in share market? every year.
तो इस paragraph में हमने main कीवर्ड (How to invest in share market? ) का इस्तेमाल किया है।
इसी तरह से आपके पोस्ट के कॉन्टेंट का जो आखरी paragraph होगा उसमे भी आप अपने main कीवर्ड का इस्तेमाल करें।
14) आपके पूरे पोस्ट में secondary कीवर्ड की density 0.2-0.5 % तक ही होनी चाहिए।
कीवर्ड density क्या होती है और कैसे निकालनी है उसके बारे में मैंने आपको 5 नंबर पॉइंट में बताया ही है। उसी के अनुसार आपको ध्यान रखना है कि आपके पोस्ट के secondary कीवर्ड्स की density 0.2-0.5 % तक ही होनी चाहिए। ध्यान रहे कि density ना तो उससे कम हो और ना ही ज्यादा हो।15) अपने पोस्ट की images को optimize करें ।
a) Original Images लगाएं।b) Image में alt tag लगाएं।
16) छोटे paragraphs का इस्तेमाल करें।
आपकी पोस्ट में paragraphs बहुत जादे लम्बे नहीं बल्कि छोटे होने चाहिए। कोशिश करें कि paragraphs की आदर्श लम्बाई ५०-१०० शब्दों तक ही हो।17) जरुरी शब्दों को highlight जरूर करें
जब आप अपने पोस्ट को पढ़ें और आपको लगे कि कोई भी शब्द या लाइन पर आपके पोस्ट के readers का ध्यान जाना बहुत जरुरी है तो उसे highlight जरूर करें।18) अपनी पोस्ट पर internal links जरूर add करें।
internal links वो links होती हैं जिन्हें आप अपनी पोस्ट में डालते हो और वो लिंक्स आपके वेबसाइट के ही कॉन्टेंट की ओर पॉइंट करती हैं। मान लीजिए आप एक पोस्ट लिख रहे हैं और उस पोस्ट के किसी भी topic से related आपके पास पहले से ही लिखी हुई कोई दूसरी पोस्ट है तो आप उसका लिंक अपने पोस्ट में add कर सकते हैं। इसे कहते हैं internal links add करना। आपकी पोस्ट में जितने जादे internal links होंगें आपकी पोस्ट के SEO के लिए यह उतना ही फायदेमंद होगा।उदहारण के लिए:-
तो ऊपर दिए paragraph में आप देख सकते हैं कि internal link (SEO-optimizing) को किस प्रकार पोस्ट के साथ जोड़ा गया है।
गूगल के अनुसार interlinking गूगल क्रॉलर्स को page index करने में और साइट के structure को समझने में काफी मदद करती है।
19) अपनी पोस्ट में सोशल share buttons का इस्तेमाल करें।
अपनी पोस्ट में सारे सोशल शेयर buttons को जरूर ऐड करें।20) अपने पेज स्पीड को बेहतर बनाएं।
सर्च engines पेज स्पीड को बहुत ज्यादा वैल्यू देते हैं। आपकी वेबसाइट के पेज जितनी जल्दी खुलेंगें सर्च engines आपकी वेबसाइट को उतना ही ऊपर रैंक करवाएंगें।21) अपने वेबसाइट का bounce rate कम रखें।
bounce rate आपके वेबसाइट पर visitors के रुकने की अवधि से calculate किया जाता है। मान लीजिये कि आपने अपनी वेबसाइट पर बहुत ही रोचक और महत्वपूर्ण कॉन्टेंट डालें हैं और visitors आपकी वेबसाइट पर आने के बाद काफी लम्बे समय तक रुकते हैं ताकि ज्ञान या फिर information जो आपकी वेबसाइट प्रदान कर रही है उसे ग्रहण किया जा सके। तो समझ लीजियेगा कि आपकी वेबसाइट का bounce rate बहुत ही कम है और आपकी वेबसाइट के SEO के लिए यह बहुत ही फायदेमंद है।लेकिन अगर इससे उल्टा अगर visitors आपकी वेबसाइट पर ज्यादा समय नहीं टिकते ,रोचक और महत्वपूर्ण कॉन्टेंट की कमी के कारण तो आपकी वेबसाइट का bounce rate बहुत ज्यादा है और यह आपकी वेबसाइट के SEO के लिए काफी नुकसानदेह है।
निष्कर्ष:-
तो आपने इस पूरी पोस्ट में On-Page SEO क्या है और कैसे करें ? के बारे में पढ़ा और जाना। मैं यही आशा करता हूँ कि आप सभी को On-Page
SEO के बारे में समझ आ गया होगा।
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तो आप नीच दिए गए comments
section में अपने comments कर सकते हैं। आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मौका मिलेगा.
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